मान्यता है कि यह वृक्ष गोपियां हैं जो रात के समय मनुष्य रूप लेकर श्री
कृष्ण के साथ रास का आनंद लेती हैं। इस वन की विशेषता है कि शाम ढ़लते ही
सभी पशु-पक्षी वन से निकलकर भाग जाते हैं। इस वन के बीचों-बीच एक मंदिर बना
हुआ है। मंदिर में हर दिन भगवान की सेज सजाई जाती है और श्रृंगार साम्रगी
रख दी जाती है।
मान्यता है कि देवी राधा श्रृंगार सामग्री से अपना श्रृंगार करती
हैं और भगवान श्री कृष्ण देवी राधा के साथ सेज पर विश्राम करते हैं। अगले
दिन भक्तगण इस श्रृंगार सामग्री और सिंदूर को प्रसाद स्वरूप पाकर अपने आपको
धन्य मानते हैं। |
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